Tuesday, March 9, 2010

राम स्तुति

प्रेममगन हम भए राम के||निरमल मनोहर उन सुखधाम के||
सुनहू प्रभु मोरे रघुराया||दरशन दो मोहे कब करहु तुम्ह दाया||
हे हनुमान जी मनाओ प्रभु को||जो मैं मूरख हूँ तो ज्ञान दो अब मोको||
जनक कुमारी के संग प्रभु जी||धनुष बांण धारण कर आएं लक्ष्मण जी||
हम दिनन को अब दरश दिखाओ||विलंब न करो प्रभु कृपा बरसाओ||
अब तो राम मय हुवा ये मन|| अर्पित प्रभु तोपे सारा जीवन||
हमरे बिगड़े काज संवारो||सबको तारा अब हमका तारो ||
राम कृपा जा पर भी होवे||वो न सपनेहुँ कभी दुख पावे||
झूठ कपट न मन अपनावे||जो मन राम के पथ पर जावे||
हम दिनन है प्रभु दास तोरे||देर भयि अब कृपा करो प्रभु मोरे||
रघुपति चरण भगति हम पावे||जीवन अपना धन्य बनावे||
अब विलंब काहे करो हो स्वामी||कब राखोगे प्रभु लाज हमारी||
मोको भरोशो है प्रभु राम पर||माता सिया के सुख धाम पर||
भक्तों के संकट निवारण वाले||हमरि गति सँवारन वाले||
हम जानत है प्रताप तोरे रघुराई||आप हु करो प्रभु बेगी उपाई||
अहो भाग्य जो कृपा भयि राम की||बूटी मिली अब हमको राम नाम की||


जो यह स्तुति पढ़े राम की
जीवन सब का धन्य हो जावे||
सुख सम्पति दीर्घ आयु हो
तोहे राम कृपा मिल जावे

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