Monday, March 8, 2010

आँखें

जाने क्या कुछ कहा जाती हैं ये आँखे
ये तेरी आँखें ये मेरी आँखें
कभी कभी तो नज़ाकत भरी होती है ये आँखें
कभी थोड़ी सी शरारत भरी होती है ये आँखें
इन आँखों में थोड़ी सी हया भी तो होती है
आँखों से मोहोब्बत बयाँ भी तो होती है
खूबसूरत सी तसवीर हैं ये जो आँखे
एक प्यार की तबदीर हैं ये जो आँखें
आँखों में मासूमियत भी तो नज़र आती है
नज़र उठती है तो कभी शरमाती है
अलग अंदाज बयाँ करती हैं ये आँखें
देखकर तुमको कभी घबराती है जो ये आँखें
तेरी आँखों में नज़र आती है मेरी आँखें

No comments:

Post a Comment