Sunday, March 14, 2010

दोस्ती

दोस्ती बनती है तो दोस्त अच्छे लगते हैं
बचपन के दोस्त भी कभी सच्चे लगते हैं
दोस्त बनते हैं जब तो उनकी जुदाई का गम होता है
सच्चे दोस्त मिल जाएँ जिसे वो बड़ा खुशनसीब होता है
दूर रहकर ही पता होता है की
क्या होते है फासले
दोस्त बनाने के भी चलते रहेंगे सिलसिले
भीड़ में कभी कोई दोस्त अच्छा मिल जाता है
कभी कोई झूठा तो कभी सच्चा मिल जाता है
दोस्तों की सही पहचान भी कैसे मिले
की दोस्त बनाने के भी चलते रहेंगे सिलसिले
की इस दिल के कोने में एक ऐसी आस है
हमें एक सच्चे दोस्त की तलाश है

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